Wednesday, January 28, 2009

बेहाल बानी अंतर्राष्ट्रीय गणितज्ञ वशिष्ठ


कबहू विश्व के आचाम्भा में डाले वाला ,कम्पुटर से भी तेज़ गणन करे वाला विश्व विख्यात वशिष्ठ आज गाँव के अन्हरिया में रहे खातिर मजबूर बडें सब लोगन के आवे के चाहीं। चार दिन पहिले आरा ,बिहार के आई स्पेशलिष्ट डा कन्हैया सिंह वशिष्ठ जी के आँख के ऑपरेशन कर के मोतैबिंद ठीक कैली हा । अब उहाँ के सब लुके लागल .सिज्रोफेनिया बीमारी से ग्रसित महानगणितज्ञ के आज पूछे वाला न सरकार बा न जनता और न ही प्रशसन । भगवान भरोसे चल रहल बनी डाक्टर साहेब .लालू के जब बिहार में सरकार रहे तब ऊ एक हाली आपण मंत्री के साथ इलाज़ करावे खातिर एम्स ,डेल्ही भेजल गेल रहन ,ओकरा बाद उहाँ के कांके रांची में देखावल गइलअस्पताल के फीस जमा कैला के चलते उहाँ के अस्पताल में बन्धकी बना लेल गइल। मिडिया के हाला-गुल्ला कैला के चलते सरकार पैसा जमा कर के छोड़ा लेलस। कहानी बड़ा ही लंबा बा ------


ओंकारा नाम पर पञ्च आदमी के लालू सरकार ऊंह के देखे खातिर नौकरी देलस ,लेकिन उनकर घरवाला के छोड़ के कोई पूछ्हूँ वाला कोई नइखे।

अब हूँ आगे भी जरी रही -----


(फोटो -साइंस कॉलेज,पटना के प्राचार्य के साथ युवा वशिष्ठ )

Friday, January 23, 2009

सुनहूँ तात बात हमारी


एगो बात कहल चाहत बानींखासकर ओकरा से जे भोजपुरी भाषा से जुडल बा .हम हमेशा देखत रहनी की चटपट बात के बड़ा ही चटकारा ले के पढ़ ल जा ला। बाकि ऐ भाई ,कओनोगंभीर बात पर सभेकेहू तिरछे राह नाप ले ता। स्कूली लइकन खातिर ''आइना" पत्रिका अर से निकल रहल बा.जेकरा से सबके जुड़े के चाही, बच्चा लोग के आशीर्वाद देवे के चाही बाकि ब्लॉग प् आईला के बडो केहू न ध्यान देलस। का भाई ऐ का हाल बा। अरे एगो अच्छा काम होता ता ओकरा के बढ़ावा दिहल जला। खास तौर पर आपण जवार भाई से ता अइसने उम्मीद रहे ला । देखि सभे ' आइना' पत्रिका अपना आप में अनोखा बा एह से की एकरा में बच्चा लोग ही रचनाकार, पत्रकार, रिपोर्टर, कवि, पेंटर बाडन। मने की अपन अभी तक के छवि से अलग बच्चा लोग ऐ पत्रिका में समाज के एगो नया दिशा देवे के कोसिस करातरण। ता ई कोसिस में रउवा सभे के भी सहभागिता चाही, अंत में गोर लागतानी। राम राम,

Tuesday, January 20, 2009

बाल पत्रिका आईना ,सब लोगन खातिर

आईना jअइसन पत्रिका बच्चा सब के हा ई बहुत बरबात बा। हम तकहब की आरा जैसन शहर से इतना बाद प्रयास खातिर सब बिहारी भाई लोगन के आगे आवे के चाहीं । बस ईहे करे के बा की बल पत्रिका आईना एक धरोहर बन के रहे जेकरा फायदा सभे केहू उठावे,सबके औलाद एकरा में लिखे .हम त सब लोगन से गुजारिस करब की सभे कोई आगे आवे .