कबहू विश्व के आचाम्भा में डाले वाला ,कम्पुटर से भी तेज़ गणन करे वाला विश्व विख्यात वशिष्ठ आज गाँव के अन्हरिया में रहे खातिर मजबूर बडें सब लोगन के आवे के चाहीं। चार दिन पहिले आरा ,बिहार के आई स्पेशलिष्ट डा कन्हैया सिंह वशिष्ठ जी के आँख के ऑपरेशन कर के मोतैबिंद ठीक कैली हा । अब उहाँ के सब लुके लागल .सिज्रोफेनिया बीमारी से ग्रसित महानगणितज्ञ के आज पूछे वाला न सरकार बा न जनता और न ही प्रशसन । भगवान भरोसे चल रहल बनी डाक्टर साहेब .लालू के जब बिहार में सरकार रहे तब ऊ एक हाली आपण मंत्री के साथ इलाज़ करावे खातिर एम्स ,डेल्ही भेजल गेल रहन ,ओकरा बाद उहाँ के कांके रांची में देखावल गइलअस्पताल के फीस जमा कैला के चलते उहाँ के अस्पताल में बन्धकी बना लेल गइल। मिडिया के हाला-गुल्ला कैला के चलते सरकार पैसा जमा कर के छोड़ा लेलस। कहानी बड़ा ही लंबा बा ------
ओंकारा नाम पर पञ्च आदमी के लालू सरकार ऊंह के देखे खातिर नौकरी देलस ,लेकिन उनकर घरवाला के छोड़ के कोई पूछ्हूँ वाला कोई नइखे।
अब हूँ आगे भी जरी रही -----
(फोटो -साइंस कॉलेज,पटना के प्राचार्य के साथ युवा वशिष्ठ )