Friday, January 23, 2009

सुनहूँ तात बात हमारी


एगो बात कहल चाहत बानींखासकर ओकरा से जे भोजपुरी भाषा से जुडल बा .हम हमेशा देखत रहनी की चटपट बात के बड़ा ही चटकारा ले के पढ़ ल जा ला। बाकि ऐ भाई ,कओनोगंभीर बात पर सभेकेहू तिरछे राह नाप ले ता। स्कूली लइकन खातिर ''आइना" पत्रिका अर से निकल रहल बा.जेकरा से सबके जुड़े के चाही, बच्चा लोग के आशीर्वाद देवे के चाही बाकि ब्लॉग प् आईला के बडो केहू न ध्यान देलस। का भाई ऐ का हाल बा। अरे एगो अच्छा काम होता ता ओकरा के बढ़ावा दिहल जला। खास तौर पर आपण जवार भाई से ता अइसने उम्मीद रहे ला । देखि सभे ' आइना' पत्रिका अपना आप में अनोखा बा एह से की एकरा में बच्चा लोग ही रचनाकार, पत्रकार, रिपोर्टर, कवि, पेंटर बाडन। मने की अपन अभी तक के छवि से अलग बच्चा लोग ऐ पत्रिका में समाज के एगो नया दिशा देवे के कोसिस करातरण। ता ई कोसिस में रउवा सभे के भी सहभागिता चाही, अंत में गोर लागतानी। राम राम,

4 comments:

Priyambara said...

are hamani ke saath baani jaa. waise bhi Ravindranath kahle badan ki jab kehu saath naa hokhe ta akele chala.

स्वयम्बरा said...

BADA BAL MILAL G,HAM HOO SATHE BANI

स्वयम्बरा said...

kya bat hai .sabhe bhojpuri bhashi nek kam me sathe aa ee.

Bandmru said...

लिहीं dekhin हमहू राउया साथै जुड़ गइल बनी.