Tuesday, September 30, 2008

ईद आउर नवरात्री दशहरा के रउआ सभे के शुभकामना





ईद एवं नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं । सभी सुधि पाठक एवं ब्लॉगर भाइयों के घर शान्ति, शक्ति, सम्पति स्वरुप, सयम सादगी, सफलता, समृधि, संस्कार, सम्मान, स्वस्थ्य सरसवती आप सब के साथ हो। एक बार फ़िर नवरात्री की हार्दिक शुभकामनायें।

Thursday, September 25, 2008

मीडिया कर्मियों का पहल -हम भी कुछ हैं..

बिहार के अर में पत्रकारों ने मिलकर इतिहास रचाने की कोशिश में लगे हुए हैं । पिछले पञ्च वेर्शों से ये लोग भोजपुर बाल महोत्सव का आयोजन अर में कर रहें हैं जिसमें शहर तथा सुदूर ग्रामीण इलाके के बच्चें इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेते रहें हैं .इस आयोजन ने अर जैसे naksalvad से grasit ilaka में bhuchal la दिया है .इस में हर वर्ष lagabhag ७००० bachche भाग लेते हैं । yawanika sanstha dvara ayojitnatak ,dance, गायन, painting,cartoon,fancy dress ,kahani-कविता lekhan,कविता pathaadi pratiyogitayen isame shamil किया jata है.यह sat divsiy कार्यक्रम है जिसमे zila prashasan सहित आरा के nagrik भी पुरी तरह से जुड़े rahate हैं। लिखात ना रहे ,आज्ज मौका भी मिलल औउर तकनिकी समस्या भी ख़तम हो गईल बा । भोजपुरी क्षेत्र के भोजपुर जिला के ख़बर बाद ही निक मिलल बा । आरा में एगों संस्था यवनिका बा जे ओहिजा बाल महोत्सव करा रहल बा .एह में नाच ,गाना, पेंटिंग, कार्टून्स,भाषण ,कहानी लेखन -कविता लेखन ,fancy ड्रेस ,नाटक, एकल अभिनय,सामान्य ज्ञान, कविता पाठ या रैम्स सहित १२ कार्यक्रम बा। ई सब स्कूल के बच्चन खातिर हो रहल बा .जानकारी इहो मिलल बा की एकरा में लगभग ५००० लैका -लैकि भाग लिहां स ओक्टूबर से नोवेमबर तक ई कार्यक्रम बा .एकरा के लगभग दू लाख लोग देखे ला जवान सात दिन के हो ला । गों शहर सगरो के बाल -बच्चा भाग लेवे ला। बड़ से छोट तक के बच्चा एके मंच प् आपण कला के देखावे ला । एकरा के आयोजित करे में कुछ पत्रकार लोगन के मुख्या भूमिका बा जे देल्हीमीडिया से जुडल बा लोग ,आ अबही ई पुरा टीम आरा में पहुँच के यागिक आयोजन में भीड़ गइल बा लोगन .जानकारी खातिर की आरा माले -रणवीर सेना के खुनी लडाई खातिर विश्व विख्यात रहल बा ,आ ओहिजा ई तरह के कार्यक्रम यवनिका संस्था पिछला पाँच वेर्ष से करा रहल बा । बच्चन लोगन खातिर ई तरह के विश्व में एक मात्र मंच बा जहाँ एक साथ इतना कार्य क्रम हो रह बा। ई आयोजन में जिला प्रशासन भी आपण पुरा योगदान दे रहल बा .एह से ई आयोजन दिन प्रतिदिन मील के पत्थर बनल जा रहल बा.

Wednesday, September 24, 2008

मील के पत्थर

बड़ा दिन से कुछ लिखात ना रहे ,आज्ज मौका भी मिलल औउर तकनिकी समस्या भी ख़तम हो गईल बा । भोजपुरी क्षेत्र के भोजपुर जिला के ख़बर बाद ही निक मिलल बा । आरा में एगों संस्था यवनिका बा जे ओहिजा बाल महोत्सव करा रहल बा .एह में नाच ,गाना, पेंटिंग, कार्टून्स,भाषण ,कहानी लेखन -कविता लेखन ,fancy ड्रेस ,नाटक, एकल अभिनय,सामान्य ज्ञान, कविता पाठ या रैम्स सहित १२ कार्यक्रम बा। ई सब स्कूल के बच्चन खातिर हो रहल बा .जानकारी इहो मिलल बा की एकरा में लगभग ५००० लैका -लैकि भाग लिहां स ओक्टूबर से नोवेमबर तक ई कार्यक्रम बा .एकरा के लगभग दू लाख लोग देखे ला जवान सात दिन के हो ला । गों शहर सगरो के बाल -बच्चा भाग लेवे ला। बड़ से छोट तक के बच्चा एके मंच प् आपण कला के देखावे ला । एकरा के आयोजित करे में कुछ पत्रकार लोगन के मुख्या भूमिका बा जे देल्हीमीडिया से जुडल बा लोग ,आ अबही ई पुरा टीम आरा में पहुँच के यागिक आयोजन में भीड़ गइल बा लोगन .जानकारी खातिर की आरा माले -रणवीर सेना के खुनी लडाई खातिर विश्व विख्यात रहल बा ,आ ओहिजा ई तरह के कार्यक्रम यवनिका संस्था पिछला पाँच वेर्ष से करा रहल बा । बच्चन लोगन खातिर ई तरह के विश्व में एक मात्र मंच बा जहाँ एक साथ इतना कार्य क्रम हो रह बा। ई आयोजन में जिला प्रशासन भी आपण पुरा योगदान दे रहल बा .एह से ई आयोजन दिन प्रतिदिन मील के पत्थर बनल जा रहल बा.

Friday, September 5, 2008

बंडमरु के एगो परिचय सोहर के साथे

हमार नाम बंडमरु ना ह , हमार भइया हमरा के प्यार से एह नाम से पुकारेनी एह से हम आपन एही नाम से सगरो लिखेनी । हम भोजपुर के रहेवाला हइ एह से भोजपुरी से खास लगाव बा। हमनी के भोजपुरी में एगो कहाउत बा ...
ह भोजपुर के माटी, ना केहू आटल बा ना केहू आटी...
सबसे पहिले हम एह ब्लॉग के पढ़े वाला औरु भोजपुरिया भाई के प्रणाम कर के एह ब्लॉग प कुछुओ लिखल चाहत बनी। एह से हम शुरू करत बानी जनम से । अभी रउआ के भलही बकवास लगत होई लेकिन बाद में निक लगे लगी । !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
त हम शुरू करत बानी जनम से । भोजपुरी भाई लोग जानत होई की हमनी के घर में कौनो लइका या लइकी जनम ले ली सन त ओह खुशी के बेला में सोहर गावल जाला । सोहर के माने शोर हर जगह । ओकरे के सोहर कहल जाला । देखीं जा हम कोनो बिद्वान नैखी गलती हमरो से हो सकेला । रउआ सभे हमार गलती के क्षमा करब जा।

त पढ़ी जा सोहर .....................

कहवा से कृष्ण अइले भवन में समाई गइले हो ,
आहो सुनहु-सुनहु रुकुमिन बात राधिका गरियाव्ली हो ।
अतना वचन रुकुमिन सुनली सुनही ना पावेली हो , ऐ ललना ....

झापी में से काढेली पीताम्बर झारी के पहिन ली हो, ऐ ललना ...
आगा -पीछा लेली चार सखिया ओरहन देवे चलेली हो ।

अंगना बहरयित चेरिया अवरु ल उ डिया नु हो, ऐ ललना....
चेरिया झारी के बिछाव सतारंजिया त सवत पाव ढारस हो ।

तोहरा बोलवले नाही आइबी बैठावले नाही बइठब हो, ऐ राधिका ...
हमरा के काहे गरियावेलु अ रे इ या कही पुकारेलु हो ।

तू त हउ अहिरिन ग्वालिन गलिय-गली दही बेच हो, ऐ ललना ...
हम त हइ कृष्णा के बियाही त बोलिला बरोबर हो।

सोहर के मिठास के का बखानी । सुने वाला के मन सोरहो आना हो जाला । अगला रचना तक इंतजार करीं जा हम फ़िर आवत बानी.......
त पीटल जाओ हमनी के मिल के भोजपुरी के ढिढोरा ....... जय भोजपुर आ जय भोजपुरी ।

Thursday, September 4, 2008

छट्ठ पूजा के महिमा

भोजपुरी इलाका में छट्ठ पूजा के बड़ा ही महत्व बा। दीवाली के ठीक छठा दिन ही छठ पूजा होला।ई पूजा नहा खा से शुरू होखे ला। नहा खाए के दिन लौका आरवा चाउर के भात बनाकेदिन में खाइल जाला । दूसरा दिन बिना अन-पानी के दिनोभर छाथबरती लोगन भूखे ला लोग आ रातिखानी रोटी-खीर (गुड के )खाइल जाला । तीसरा दिन माने की पहिला अरग -पहिलका अरग के दिन छाठ्वर्ती लोगन बिना अन-जल के दिनोभर भूखे ला लोग आ शाम में नदी किनारे या तालाब किनारे नहा धोआ के डूबत सूरज भगवान के अरग देल जाला । एह घरी फल दऊरामें लेके घाट किनारे सब परिवार के साथै बैठल जाला,आदित्य बाबा से प्रार्थना कईल जाला। सूर्यास्त के साथ ही सभे या घर चल जाला लोग या फिर रात भर घाट किनारे बैठ के पूजा कईल जाला ।
दूसरा अरग-दूसरा अरग के दिन भक्त लोग सूर्योदय के जल ढ्हार के अरग देल जाला साथ में फल ,ठेकुआ, गुलौरा चर्हावल झाला। ओकरा बाद सभे कोई आदितबाबा के गोड़लग के भूखनिहार के गोड़ लाग के आशीर्वाद लिया ला। दौउरा लेके के घर जाइल जा ला.एकरा बाद भूखनिहार लोग परं करे ला ,मने की पापरा ,बजाका ,पियाजी हर तरह के चटक - मटक खाए -पिए के चीज़ रहेला।
ई पूजा के बड़ा ही महत्व बा, हर भोजपुरी या भारत के पूर्वांचल प्रदेश के लोगन के बीच ई परब न होके महा परब के रूप में मनावल जाला। अब त छट्ठ पूजा मुंबई,डेल्ही, कोल्कता जइसन महानगरो में खूब धूम-धाम से मनावल जाला। छट्ठ पूजा के महत्व अब त बिदेश में भी होखे लागल .

Wednesday, September 3, 2008

भोजपुरी भाई-बन्धु के नमस्कार,

रावा सभे भोजपुरी इलाका के बानी जा ,सबके भोजपुरी चौपाल में स्वागत बा। आपन विचार, आपना देने के संस्कृति,रीति-रिवाज़, लोक- खेल, कोई भी भोजपुरी इलाका के ख़बर , भोजपुरी संस्कृति ,भोजपुरीek भोजपुरी भोजपुरीawa भोजपुरी के साक्षात्कार ,रावa सभेjekara पास ढेर सारा चीज़ बा लेकिन उ गुमनामी में रहत बा, ओकरा के सामने लावे के प्रयास करिजा------. राव सभे के सहयोग व् साथ के जरुरत बा जेकरा से भोजपुरी भाषा , संस्कृति आदि के विकास हो सके ,देस-परदेस सभे कोई जाने- समझे।

Tuesday, September 2, 2008

बिआह के अर्थ -के कतना जानत बा

भोजपुरी इलाका में बिआह त होला,रस्म-रिवाज़ के साथ होला। मंत्र,पूजा-पाठ कइल जाला ,रावा में से कातना लोगन के बिआह भइल होई, कातना लोग बिआह करी, कातना लोग बिआह देखले होई -बाकि अर्थ कुछन लोगन जानत होइहें। सबसे पहिल त धन्वाद के पात्र बानी bhojpuri ke shekspiyar sv bhikhari thakur jee ,natak "बिदेसिया के देखला से उपरोक्त अर्थ भइल।
बिआह में माडो में भगवान के सामने दुल्हा-दुल्हन के बैठावल जाला । त इ भगवन लोगन ,के के ह .... अब जानी सभे - सबसे पहिले जौ बिछावल जाला कि ऊ कच्छप नारायण हवें ,तवना के ऊपर पानी से भरल घईला रखा ला कि ऊ क्षीर सागर ह। क्षीर सागर में विश्नुभागावान- लक्ष्मी के साथे रहींला एह से ओकरा में कुछ पैसा आ कसैली डाला ला कि इहे भगवानलोगन ह । विष्णु जी के नाभि से कमल के फूल निकलल बा एह से ओकरा में आम के पल्लो डालाल । तवना के ऊपर चार मुहँ वाला दीया राखाला कि ऊ ब्रह्म जी हईं.अतना भगवान लोगन के साक्षी मानकेतब बिआह होला । मंत्र पढ़के ,संकल्प लेल जाला कि पति-पत्नी एक दूसरा के सुख -दुःख में हमेशा ही साथ दिही लोग

भोजपुरी के सलाम

मंगल भवन अमंगल हारी, रामा हो रामा ----

द्रबहु सुदशरथ अजिरबिहारी, रामा हो रामा ----

नावत बानी सब कर माथा ,रामा हो रामा ---

चित दी सुनहु भोजपुरी के गाथा रामा हो रामा ---

एह भाषा के सब बिस्तारी ,रामा हो रामा
थोड़ ही में सब कहत कहानी ,रामा हो रामा -----