Friday, February 6, 2009

जन्म दिन का गिफ्ट -बसंत में प्यार ही प्यार

हमार जन्म त बसंत ऋतू में भईल रहे ,एह से लागता की ई बसंत बाएं न जाई । एगो हमनी देने लोकगीत बड़ा ही फेमस बा- गम -गम ,गम के गांव सुनहरा,आ मति कहे पुकार
दिल्ली वाली दुल्हिन ,चल के देख गऊँवा हमार
कहे के मतलब बा की हो सकता इही बसंत में कवनो दिल्ली के लईकी से मन अझुरा जाए आ ओंकारा के बिहार के दुल्हिन बना के लिया लिआवे। हमहूँ त दिल्ली ऐ में कम -धाम करत बानीपेशा से गवानिया हईं,कबहूँ -कबहूँ नाच हूँ लिही ले। नुकड़ नाटक त जम के करीला ,रौऊवा सभे ध्यान देब जा।
एहेहीईईईईईई हमार जन्मदिन के गिफ्ट रही। जे हमारहित-नाता ,दोस्त-संघतिया बा हमारा बाड़े में कुछ विचार करे ----- आजकल मिजाज गड़बडी रहता

2 comments:

Unknown said...

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Bandmru said...

sab basanti bayar ke ashar ha... mijaj t garbaribe kari....