भोजपुरी क्षेत्र में लगन-बियाह के बड़ा महत्व हो ला ,आजकल लगन चरचारायील बा.लोग देस-परदेस से एह घरी आपन -आपन घरे दुआरे आ रहल बा लोग .बिआह होता ,आगहूँ होईबे करी....... । लोग बिआह त कर रहल बाडन, आ कतना लोगन के हो रहल बा ....लेकिन हम जानल चाहत बानी की बिआह जब होला त कुछ रीती -रिवाज़ होला ,ई सब के अर्थ का सभे कोई जानत बा॥ .......... फ़िर भी हम बता देत बानी ... की भोजपुरी क्षेत्र में बिआह जब होला तब कैसे होला-----
कन्या -दुलहा (दुलहा-दुल्हिन)सबसे पहीले माडो में बैठे ला लोग, जहाँ ई लोग बैठे ला लोग ओहिजा ज़मीं पर जौ बिछावल जाला, की ई कच्छप नारायण हवन , तवाना के ऊपर घडा में पानी भर के रखा ला की उ क्षीर सागर हवन ,क्षीर सागर में विष्णु भगवान रहे लन एह से ओकरा में कसैली डाला ला ,आ... विष्णु भगवान के साथै त लक्ष्मी जी रहेनी ,एह से ओकरा में पैसा डाला ला... । विष्णु भगवन के नाभि से कमल के फूल निकलल बा एह से ओकरा में आम के पल्लो डाला ला । तवाना के ऊपर चार मुहँ वाला दिया धारा ला की ऊ ब्रह्मा जी हवें । त कहे के मतलब ई बा की जवान बिआह होला ओकरा में इतना भगवान लोग साक्षी रहे ला ,तब जा के बिआह होला .लेकिन बहुत ही कम लोग एह सब के अर्थ जाने ला । त ... हम आपन भोजपुरियन लोगन से जानल चाहत बानी की कातना लोग हमनी के ई परम्परा से परिचित बा । जय भोजपुरी ,जय भारत ..... ॥
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9 comments:
भईया ! अइसन बाs ई ब्लॉग तs बहुते अच्छा बाs औरी एगो सुझाव बाs प्रशंशक वाला आप्शन ओपन करी देईं........
सलीम खान (स्वच्छ सन्देश) लखनऊ/पीलीभीत से
Sab log kahwan parichit baran aisan jaankari se, Dhanyavad auur Swagat.
kya baat hai,aisi baate to sabke samane aani hi chahiye
vaah.......kehu ta ba je aisan riti riwaz ke bare me bataawata..na ta hamni ke ta khali riwaz nibha bhar dihila.....badhai hooooo
vivah ke ii parampara jan ke mijaj hariar ho gail ,achchh lagaleh parmpara ke garai se jan ke
vivah ke ii parampara jan ke mijaj hariar ho gail ,achchh lagaleh parmpara ke garai se jan ke
aisan bat aave ke chahi ,achcha lagal
aisan bat aave ke chahi ,achcha lagal
aj ke is globlijession ke yug me lok paramparaye bilupt hoti ja rahi .apka prayas kabile tarif hai
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