Friday, September 5, 2008

बंडमरु के एगो परिचय सोहर के साथे

हमार नाम बंडमरु ना ह , हमार भइया हमरा के प्यार से एह नाम से पुकारेनी एह से हम आपन एही नाम से सगरो लिखेनी । हम भोजपुर के रहेवाला हइ एह से भोजपुरी से खास लगाव बा। हमनी के भोजपुरी में एगो कहाउत बा ...
ह भोजपुर के माटी, ना केहू आटल बा ना केहू आटी...
सबसे पहिले हम एह ब्लॉग के पढ़े वाला औरु भोजपुरिया भाई के प्रणाम कर के एह ब्लॉग प कुछुओ लिखल चाहत बनी। एह से हम शुरू करत बानी जनम से । अभी रउआ के भलही बकवास लगत होई लेकिन बाद में निक लगे लगी । !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
त हम शुरू करत बानी जनम से । भोजपुरी भाई लोग जानत होई की हमनी के घर में कौनो लइका या लइकी जनम ले ली सन त ओह खुशी के बेला में सोहर गावल जाला । सोहर के माने शोर हर जगह । ओकरे के सोहर कहल जाला । देखीं जा हम कोनो बिद्वान नैखी गलती हमरो से हो सकेला । रउआ सभे हमार गलती के क्षमा करब जा।

त पढ़ी जा सोहर .....................

कहवा से कृष्ण अइले भवन में समाई गइले हो ,
आहो सुनहु-सुनहु रुकुमिन बात राधिका गरियाव्ली हो ।
अतना वचन रुकुमिन सुनली सुनही ना पावेली हो , ऐ ललना ....

झापी में से काढेली पीताम्बर झारी के पहिन ली हो, ऐ ललना ...
आगा -पीछा लेली चार सखिया ओरहन देवे चलेली हो ।

अंगना बहरयित चेरिया अवरु ल उ डिया नु हो, ऐ ललना....
चेरिया झारी के बिछाव सतारंजिया त सवत पाव ढारस हो ।

तोहरा बोलवले नाही आइबी बैठावले नाही बइठब हो, ऐ राधिका ...
हमरा के काहे गरियावेलु अ रे इ या कही पुकारेलु हो ।

तू त हउ अहिरिन ग्वालिन गलिय-गली दही बेच हो, ऐ ललना ...
हम त हइ कृष्णा के बियाही त बोलिला बरोबर हो।

सोहर के मिठास के का बखानी । सुने वाला के मन सोरहो आना हो जाला । अगला रचना तक इंतजार करीं जा हम फ़िर आवत बानी.......
त पीटल जाओ हमनी के मिल के भोजपुरी के ढिढोरा ....... जय भोजपुर आ जय भोजपुरी ।

1 comment:

ढिंढोरा said...

bahut badhiya lagal bhai bandamru. aisahi bhojpuri sanskriti se sabke awgat karawat rah.