Sunday, December 27, 2009

भोजपुरी गाना के महामारी

आज के ही बात बा ...... यवनिका संस्था में एगोबड़ा ही अच्छा कलाकार बाड़ें -अमर पाठक .स्वभाव आ बात-चित में भी अच्छा --गायक हवें -शास्त्रीय आ लोकगीत गावेलन। संस्कारी होखे के चलते गायकी में भी एगो संस्कार नज़र आवे ला ......बाकि समय के ईहो मरल हवन। फटाफट नाम-दाम कमायके फेरा में ई भी अश्लील भोजपुरी गायकी की ओरतेज़ी से बढ़ रहल बाडन
समझावे के कोशिश जारी बा ,लेकिन सस्तऊवा गाना गईलाके परिणाम आदमी जानत बा ,येही सब गाना के श्रोता भी बाडन ,बाज़ार भी बा ,एहसे आपनभोजपुरी गीतन के बचा रहल बानी जा । अमर जैसन कतनानया कलाकार पैसाके फेरा में कुछुओ गावे प तैयार बाड़ें .कहीं भी परिवार के साथै यात्रा ना कर सके ,सब तरफ अश्लील गाना ही सुनातरहे ला .अब त बिआह -शादी में भी गन्दा गाना ही सुनात रहल बा ,लोग ओही प परिवार के साथै नाचत -झूमत बाड़ें .........सबके आगे आवे के चाहीं .... आपन भोजपुरी ...आपन संस्कृति के बचावे के चाहीं ...

Saturday, November 21, 2009

नींद में पढ़ाईं ----विजय प्रकाश

ई बिसेस बात बा लेकिन हम एकरा के हिन्दी में रख रहल बानी------------ २० सितम्बर २००९ को जैन स्कूल,आरा में bal महोत्सव का पहला चरण शुरू हुआ जिसमे सामान्य ज्ञान,कहानी लेखन ,चित्र कला तथा कार्टून की प्रतियोगिताएं थी।इस चरण में लगभग पुरे बिहार से ३५०० बच्चों ने भाग लिया .इस माहौल को देखकर बिहार के प्रधान सचिव श्री विजय प्रकाश बहुत ही प्रभावित हुए। विशिष्ट अतिथि डॉ मृदुला प्रकाश खुशी से झूम उठी थी ,वे अपनी भावनाओं को बड़ी ही मुश्किल से संभल पायीं.आई ए एस मिप्रकाश ने बच्चों ,शिक्षकों,माता-पिताओं को बताया की अपने बच्चों को सपनों में पढ़ाएं .यदि विज्ञानं ए मैथ का कोई प्रश्न हल नही हो रहा हो तो उसे बनते-बनते सो जाओ ,सुबह उठोगे तो तुम उस समस्या को ख़ुद ही हल कर लोगे क्योंकि दिमाग रात भर जगा रहता है औरअपना कामकरता रहता है। यह गप नहीं सच है.बेंजीन की संरचना के आविष्कारक को संरचना की जानकारी सपने में ही मिली थी.वे बेंजीन के बारे में सोचते -सोचते सो गए । सपना देखा की एक सांप अपनी पूंछ अपने मुंह में दबाये हुए है .जगाने पर उन्हें यह अजीब लगा ,उन्होंने सोचना शुरू कर दियाऔर निष्कर्ष निकला की यही बेंजीन की संरचना है जिसकी शुरुआत और अंत एक ही जगह पर होता है .श्री प्रकाश के अनुसार यदि बच्चा सो गया है तो ज्ञान की बातें बताते रहे ,एक महीने बाद पाएंगे की वो बच्चा उस विषय में निपुण हो गया है .
पढ़ाला के बाद अपन विचार जरुर दिहिन सबे ---- बड़ा ही उम्मीद बा ....

Thursday, July 9, 2009

विधान पार्षद के चुनाव में बाहुबली के भरमार

आरा-बक्सर विधान परिषद् के चुनाव में मय बाहुबलिए उतरन बाडन। भोटभले ही जन -प्रतिनिधि दिहन बाकि बवाल त होईबे करी.भाजपा-जद यू के उम्मीदवार विशेश्वर बाहुबलीओझा जे अभी बेल पर जेल से बाहर बाडन, त राजद उम्मीदवार दारू माफिया लाल दास राय बाडन .सबपर भारी फरारी कुख्यात अपराधी तथा बाहुबली विधायक सुनील पांडे के भाई हुलास पाण्डेय बाडन । भोट के रेट खुला बा -रु० ५००००-७५००० के दर से बाज़ार भावः बा , अब त जईसे-जईसे भोट देवे के समां नागिचा ता ओईसे-ओईसे रेट भागल जा ता । हो सकेला की एगो-दुगो मर्डर भी हो जाय
"जेकर लाठी ओकर भईंस "ई बात जरुर नज़र आई एह चुनाब में .कोई पईसाके बल पर चुनाव लड़ता त कोई पईसा आ पावर दुनो के बल पर. ईहे त खास बात बा ई भोजपुरियन पठ्ठा में ,अब ताल ठोक के ना ..... बल्कि बनुक में गोली आ जेबी में पईसा भर के चुनावी मैदान में बाडन जा । एह चुनाव में सुने में अव ता की लगभग पांच करोड़ लागल बा ,अब त समय ही बताई की ऊँट केने करवट लेता .....

Monday, June 1, 2009

अख़बार "अमन के सिपाही" में स्वच्छ सन्देश: हिन्दोस्तान की आवाज़ का लेख छपा

(अख़बार "अमन के सिपाही" में स्वच्छ सन्देश: हिन्दोस्तान की आवाज़ का लेख छपा)

कैराना के 'अमन के सिपाही' में स्वच्छ सन्देश: हिन्दोस्तान की आवाज़ का लेख "अल्लाह गणित नहीं जानता है" 30 मई 2009 को छपा.
लेख छापने के लिए मैं 'अमन के सिपाही' संपादक महोदय का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ.  

सलीम खान 
संरक्षक  
स्वच्छ सन्देश: हिन्दोस्तान की आवाज़ 
लखनऊ, उत्तर प्रदेश

Wednesday, April 29, 2009

'भड़ास फॉर यूपी' के व्यवस्थापक पद हेतु आवेदन

प्रिय पाठकों और सदस्यों ! मैं (सलीम खान) बड़े खेद के साथ यह सुचना देना चाहता हूँ की इस ब्लॉग (भड़ास फॉर यूपी) को मैं समयाभाव के कारण उचित ध्यान नहीं दे पा रहा हूँ. यह ब्लॉग यूँ ही सुचारू रूप से चले इसके लिए मैं आप सभी से यह कहना चाहता हूँ कि अगर आपको लगता है कि आप इस मंच को ठीक उसी तरह से सेवा कर सकेंगे जैसा कि मैं करता आया हूँ तो आप मुझे swachchhsandesh@gmail.com पर अपने बायोडाटा के साथ मेल कर दें | आप यह ज़रूर बताएं कि आप अंतरजाल पर रोज़ कितना समय देते है और आपका प्रोफेशन क्या है| 

अपनी एक पासपोर्ट साइज़ फोटो और मोबाइल नंबर को मेल करते वक़्त देना ना भूलें |  

आपकी मेल के मिलने के एक सप्ताह के भीतर चयन होने की सुचना दे दी जायेगी| हालाँकि भड़ास फॉर यूपी पर एकल व्यवस्थापक की ही आवश्यकता है, परन्तु अगर एक से अधिक उम्मीदवार चयनित हो जाते है तो व्यवस्थापक मंडल का निर्माण किया जायेगा जिसके लिए नियम व शर्तें लागु होंगी और इस ब्लॉग पर शीग्र ही प्रकाशित की जायेंगी |  

आपका  
सलीम खान

Tuesday, February 24, 2009

बियाह के नियम - रवा कतना जानत बानी......?

भोजपुरी क्षेत्र में लगन-बियाह के बड़ा महत्व हो ला ,आजकल लगन चरचारायील बा.लोग देस-परदेस से एह घरी आपन -आपन घरे दुआरे आ रहल बा लोग .बिआह होता ,आगहूँ होईबे करी....... । लोग बिआह त कर रहल बाडन, आ कतना लोगन के हो रहल बा ....लेकिन हम जानल चाहत बानी की बिआह जब होला त कुछ रीती -रिवाज़ होला ,ई सब के अर्थ का सभे कोई जानत बा॥ .......... फ़िर भी हम बता देत बानी ... की भोजपुरी क्षेत्र में बिआह जब होला तब कैसे होला-----
कन्या -दुलहा (दुलहा-दुल्हिन)सबसे पहीले माडो में बैठे ला लोग, जहाँ ई लोग बैठे ला लोग ओहिजा ज़मीं पर जौ बिछावल जाला, की ई कच्छप नारायण हवन , तवाना के ऊपर घडा में पानी भर के रखा ला की उ क्षीर सागर हवन ,क्षीर सागर में विष्णु भगवान रहे लन एह से ओकरा में कसैली डाला ला ,आ... विष्णु भगवान के साथै त लक्ष्मी जी रहेनी ,एह से ओकरा में पैसा डाला ला... । विष्णु भगवन के नाभि से कमल के फूल निकलल बा एह से ओकरा में आम के पल्लो डाला ला । तवाना के ऊपर चार मुहँ वाला दिया धारा ला की ऊ ब्रह्मा जी हवें । त कहे के मतलब ई बा की जवान बिआह होला ओकरा में इतना भगवान लोग साक्षी रहे ला ,तब जा के बिआह होला .लेकिन बहुत ही कम लोग एह सब के अर्थ जाने ला । त ... हम आपन भोजपुरियन लोगन से जानल चाहत बानी की कातना लोग हमनी के ई परम्परा से परिचित बा । जय भोजपुरी ,जय भारत ..... ॥

Friday, February 6, 2009

जन्म दिन का गिफ्ट -बसंत में प्यार ही प्यार

हमार जन्म त बसंत ऋतू में भईल रहे ,एह से लागता की ई बसंत बाएं न जाई । एगो हमनी देने लोकगीत बड़ा ही फेमस बा- गम -गम ,गम के गांव सुनहरा,आ मति कहे पुकार
दिल्ली वाली दुल्हिन ,चल के देख गऊँवा हमार
कहे के मतलब बा की हो सकता इही बसंत में कवनो दिल्ली के लईकी से मन अझुरा जाए आ ओंकारा के बिहार के दुल्हिन बना के लिया लिआवे। हमहूँ त दिल्ली ऐ में कम -धाम करत बानीपेशा से गवानिया हईं,कबहूँ -कबहूँ नाच हूँ लिही ले। नुकड़ नाटक त जम के करीला ,रौऊवा सभे ध्यान देब जा।
एहेहीईईईईईई हमार जन्मदिन के गिफ्ट रही। जे हमारहित-नाता ,दोस्त-संघतिया बा हमारा बाड़े में कुछ विचार करे ----- आजकल मिजाज गड़बडी रहता

Wednesday, January 28, 2009

बेहाल बानी अंतर्राष्ट्रीय गणितज्ञ वशिष्ठ


कबहू विश्व के आचाम्भा में डाले वाला ,कम्पुटर से भी तेज़ गणन करे वाला विश्व विख्यात वशिष्ठ आज गाँव के अन्हरिया में रहे खातिर मजबूर बडें सब लोगन के आवे के चाहीं। चार दिन पहिले आरा ,बिहार के आई स्पेशलिष्ट डा कन्हैया सिंह वशिष्ठ जी के आँख के ऑपरेशन कर के मोतैबिंद ठीक कैली हा । अब उहाँ के सब लुके लागल .सिज्रोफेनिया बीमारी से ग्रसित महानगणितज्ञ के आज पूछे वाला न सरकार बा न जनता और न ही प्रशसन । भगवान भरोसे चल रहल बनी डाक्टर साहेब .लालू के जब बिहार में सरकार रहे तब ऊ एक हाली आपण मंत्री के साथ इलाज़ करावे खातिर एम्स ,डेल्ही भेजल गेल रहन ,ओकरा बाद उहाँ के कांके रांची में देखावल गइलअस्पताल के फीस जमा कैला के चलते उहाँ के अस्पताल में बन्धकी बना लेल गइल। मिडिया के हाला-गुल्ला कैला के चलते सरकार पैसा जमा कर के छोड़ा लेलस। कहानी बड़ा ही लंबा बा ------


ओंकारा नाम पर पञ्च आदमी के लालू सरकार ऊंह के देखे खातिर नौकरी देलस ,लेकिन उनकर घरवाला के छोड़ के कोई पूछ्हूँ वाला कोई नइखे।

अब हूँ आगे भी जरी रही -----


(फोटो -साइंस कॉलेज,पटना के प्राचार्य के साथ युवा वशिष्ठ )

Friday, January 23, 2009

सुनहूँ तात बात हमारी


एगो बात कहल चाहत बानींखासकर ओकरा से जे भोजपुरी भाषा से जुडल बा .हम हमेशा देखत रहनी की चटपट बात के बड़ा ही चटकारा ले के पढ़ ल जा ला। बाकि ऐ भाई ,कओनोगंभीर बात पर सभेकेहू तिरछे राह नाप ले ता। स्कूली लइकन खातिर ''आइना" पत्रिका अर से निकल रहल बा.जेकरा से सबके जुड़े के चाही, बच्चा लोग के आशीर्वाद देवे के चाही बाकि ब्लॉग प् आईला के बडो केहू न ध्यान देलस। का भाई ऐ का हाल बा। अरे एगो अच्छा काम होता ता ओकरा के बढ़ावा दिहल जला। खास तौर पर आपण जवार भाई से ता अइसने उम्मीद रहे ला । देखि सभे ' आइना' पत्रिका अपना आप में अनोखा बा एह से की एकरा में बच्चा लोग ही रचनाकार, पत्रकार, रिपोर्टर, कवि, पेंटर बाडन। मने की अपन अभी तक के छवि से अलग बच्चा लोग ऐ पत्रिका में समाज के एगो नया दिशा देवे के कोसिस करातरण। ता ई कोसिस में रउवा सभे के भी सहभागिता चाही, अंत में गोर लागतानी। राम राम,

Tuesday, January 20, 2009

बाल पत्रिका आईना ,सब लोगन खातिर

आईना jअइसन पत्रिका बच्चा सब के हा ई बहुत बरबात बा। हम तकहब की आरा जैसन शहर से इतना बाद प्रयास खातिर सब बिहारी भाई लोगन के आगे आवे के चाहीं । बस ईहे करे के बा की बल पत्रिका आईना एक धरोहर बन के रहे जेकरा फायदा सभे केहू उठावे,सबके औलाद एकरा में लिखे .हम त सब लोगन से गुजारिस करब की सभे कोई आगे आवे .